न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP): सरकार और किसानो के बीच हुआ पहला किसान आन्दोलन आज भी लोगो के जहन में ताज़ा ही था कि, केंद्र की मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक बार फिर से किसान खड़े हुए है !
केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ किसान एक बार फिर से सडको पर उतर आये है वो भी एक नए जोश और दोगुने उत्साह के साथ ! किसानअपने हितो और MSP – न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे विषयों को लेकर अब केंद्र सरकार के साथ एक बार फिर से भीड़ चुके है !
इस किसान आन्दोलन – 2 के कारण ही MSP – न्यूनतम समर्थन मूल्य टर्म इन्टरनेट पर ट्रेन्ड कर रही है, इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये है ये ताज़ा खबर और MSP की सम्पूर्ण जानकारी –
- 1 MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) या न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होती है ?
- 2 MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कब शुरू हुई ?
- 3 MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कितनी फसलों पर मिलती है ?
- 4 MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कौन सी फसलो पर लागू है ?
- 5 एमएसपी कौन तय करता है ?
- 6 एमएसपी क्या हर किसान को मिलती है ?
- 7 MSP के लिए किसान इतने आन्दोलन करने को मजबूर क्यों ?
MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) या न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होती है ?
MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) या न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानो के फायदे के लिए लागू की जाने वाली वह न्यूनतम दर है, जिस दर पर सरकार किसानो से फसल खरीदती है !
MSP यह सुनिश्चित करती है की लागू की जाने वाली दर या सरकार द्वारा खरीदी दर, फसल उत्पादन की लागत का कम से कम डेढ गुना अधिक हो और किसानो को लागत पर अधिकाधिक मुनाफा मिले !
MSP के अंतर्गत केंद्र सरकार फसलो की न्यूनतम कीमत या दर (Minimum Crop Rates) निर्धारित करती है, जिस दर पर सरकार किसान से फसल खरीदती है चाहे बाज़ार में फसल की कीमत कम ही क्यों ना हो !
MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कब शुरू हुई ?
MSP की पहली बार शुरुआत वर्ष 1966-67 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने किसानो और गरीबो के हित के लिए की ! इसके तहत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल किसानो से खरीदती थी और पीडीएस योजना या राशन वितरण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों में बांटती थी !
इस कांग्रेस सरकार की लागू इस मिनिमम सपोर्ट प्राइस या एमएसपी से दो तबको को फायदा हुआ
- पहला – किसान तबका
- दूसरा – गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग
MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कितनी फसलों पर मिलती है ?
केंद्र सरकार हर फसल पर MSP नहीं देती ! वर्तमान में कुल 23 फसलों पर एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू है-
- 14 खरीफ फसलें
- 6 रबी फसलें और
- 3 वाणिज्यिक फसलें
MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कौन सी फसलो पर लागू है ?
निम्न फसलो पर एमएसपी लागू है –
- अनाज: गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, ज्वार, मक्का और रागी
- दाल: मूंग, उड़द, मसूर, अरहर और चना
- तिलहन: सरसों, सफ़ेद तिल, काला तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी और कुसुम
- अन्य – गन्ना, नारियल, कपास और जूट
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एमएसपी कौन तय करता है ?
एमएसपी केंद्र सरकार का कृषि मंत्रालय तय करता है !
MSP के लिए ‘कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस’ और दूसरी संस्थाएं सुझाव देती है !
एमएसपी क्या हर किसान को मिलती है ?
नहीं, एमएसपी का लाभ देश के हर किसान को नहीं मिल रहा है, सिर्फ कुछ मात्र लोगो ही इसका फायदा उठा पा रहे है ! 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के मात्र 6 प्रतिशत किसानो का एमएसपी का फायदा मिल पाया है !
MSP के लिए किसान इतने आन्दोलन करने को मजबूर क्यों ?
आजकल किसानो को खेती बाड़ी में लागत और उत्पादन करने में जितना खर्च आ जाता है उसका खर्च-खर्च भी किसान भाई लोगो को बाज़ार मूल्य से निकल नहीं पता है, इसलिए किसान एमएसपी को लेकर चिंतित है !
केंद्र की मोदी सरकार से पिछले किसान आन्दोलन में किसानो से एमएसपी को लेकर बहुत से वायदे किये थे लेकिन हकीकत में किसानो को सिर्फ झूठे आस्वश्नो और दिखावे के अलावा कुछ नहीं मिला इसलिए देशभर का किसान तबका एक बार फिर से अपने हक के लिए केंद्र सरकार के सामने आ खड़े हुए है !
लेकिन अभी तक केंद्र की मोदी सरकार ने MSP को लेकर किसानो को कोई फायदा नहीं दियता इसलिए किसान कौम एक बार फिर आन्दोलन की राह पर चल पड़ी है !
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