बाबरी मस्जिद (Babri Masjid): आज दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या, उत्तर प्रदेश में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन एवं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का बहुत ही शानदार तरीके से आयोजन किया गया ! राम मंदिर उद्घाटन या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में सिर्फ अयोध्या के लोगों ने ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया !
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में बहुत ही उत्साह देखने को मिला, जगह-जगह पर लोग अपने आप ही शोभायात्रा, कलश यात्रा, भगवान की झांकी, रैलिया और प्रसादी का कार्यक्रम में भाग लेते नजर आए ! आज लोगों को राम मंदिर के बारे में तो पता है लेकिन क्या आप बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के इतिहास के बारे में भी जानते हैं, पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट !
बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का इतिहास
अयोध्या में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) और राम मंदिर को लेकर दशको तक विवाद रहा ! यह विवाद काफी सुर्खिया बटोरता रहा और इसी विवाद पर कई राजनीतिक दलों ने अपनी रोटियां सेकी ! 6 दिसंबर 1992 से बीते कुछ दशको में यह विवाद एक राजनीतिक अखाड़ा बन गया था !
जब से अयोध्या में मस्जिद को कार सेवक को द्वारा ध्वस्त किया गया (6 दिसंबर 1992) ! क्योंकि उन्होंने दावा किया कि मस्जिद के नीचे एक प्राचीन राम मंदिर है, तभी इस मामले ने जनता का ध्यान खींचा और राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले का ध्रुवीकरण किया जिससे यह मामला काफी समय तक कोर्ट के अधीन रहा !
1992 के बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंस मामले पर फैसला
दिनांक 30 सितंबर 2020 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 1992 के बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंसक मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए साजिश के सभी आरोपियों को बरी कर दिया !
2019 में सर्वोच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों के संविधान पीठ ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की ओर से दवा की गई जमीन का फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ भूमि राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट को सौंप दी !
1992 के बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंसक मामले में आज केंद्र में काबिज भारतीय जनता पार्टी के कई सर्वोच्च नेता भी शामिल थे, कल 32 आरोपियों में पूर्ण पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ-साथ वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, स्वर्गीय कल्याण सिंह और और संत उमा भारती भी शामिल थी !
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बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) मामले की समय रेखा
लिए एक प्रयास करते नीचे दी हुई समय रेखा से बाबरी मस्जिद के मामले को समझने का:
- 1528: मुगल बादशाह बाबर के कहने पर आमिर बाकी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का निर्माण कराया !
- 1855: सुन्नी मुसलमानो ने दावा किया कि बनाया हुआ छोटा मंदिर मस्जिद को ध्वस्त करके बनाया गया है !
- 1859: ब्रिटिश प्रशासन ने बाबरी मस्जिद के चारो और बाढ़ लगा दी !
- 1885: एक महंत ने विवाह विधि जमीन के प्रांगण में एक पूजा मंच बनाने की याचिका अदालत में दायर की जिसे बाद में खारिज कर दिया गया !
- 1885: महंत रघुबीर दास की इस बाहरी प्रांगण में एक पूजा मंच बनाने की याचिका एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी।
- 1934: विवादित जमीन को लेकर हिंदू और मुसलमान के बीच हिंसा हुई जिसमें मस्जिद की गुंबद को नुकसान पहुंचा !
- 1947: एक लोकल अदालत ने शिया वक्फ बोर्ड की जगह सुन्नी वक्फ बोर्ड को बाबरी मस्जिद का अधिकार दे दिया !
- 1950: हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने प्रार्थना और नमाज करने की अनुमति मांगते हुए अदालत में मुकदमा दायर किया !
- 1959: निर्मोही अखाड़े ने भी इस अदालत में तीसरा मुकदमा प्रार्थना करने को लेकर दायर कर दिया !
- 1961: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड चौथा मुकदमा मस्जिद में नमाज करने को लेकर दायर कर दिया और बोर्ड ने साइट पर कब्जे के लिए फाइल दायर की!
- 1984: राम जन्मभूमि आंदोलन में जोर पकड़ा और भारतीय जनता पार्टी के लालकृष्ण आडवाणी नेता बन खड़े हुए, इस लहर के बावजूद भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी 541 में से केवल दो सीटों पर ही विजय पताका लहरा पाई !
- 1989: तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने 9 नवंबर को राम मंदिर के शिलान्यास के लिए विहित को अनुमति दी !
- 1990: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के मामले का राजनीतिक कारण कर सोमनाथ से अयोध्या तक अपनी रथ यात्रा शुरू की ! जिसके फल स्वरुप पुलिस और कार सेवकों की की झड़प हुई और 20 लोग मारे गए !
- 1991: बीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस लेकर दोबारा चुनाव आमंत्रित किया तब वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरीऔर उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के मुखिया के रूप में कल्याण सिंह को घोषित किया गया !
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- 1992: लाखों लोगों की भीड़ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित विश्व हिंदू परिषद के नेताओं का भाषण सुनने के लिए इकट्ठी हुई बाद में इसी भीड़ में मस्जिद पर दवा बोलकर उसे कुछ ही क्षणों में ध्वस्त कर दिया !
- इसके बाद कर सेवक कौन है मुसलमान पर हमला करना चालू कर दिया उनके घरों में तोड़फोड़ की जिससे दंगे भड़क उठे और लगभग 2000 लोग मारें गए ! तब दो एफआईआर दायर की गई एक कर सेवकों के खिलाफ और दूसरा आडवाणी, मुरली मनोहर जैसी और उमा भारती जैसे नेताओं के सांप्रदायिक भाषणों के खिलाफ !
- 1992: नरसिम्हा राव सरकार ने जांच के लिए लिब्रहान आयोग बैठाया ! लिब्रहान आयोग ने मामले के 17 वर्ष पश्चात वर्ष 2009 में अपनी जांच रिपोर्ट सबमिट की, तभी से मामला नेताओं के बीच में, सरकारों के बीच में और न्यायालय के बीच में इधर से उधर होता रहा और लगातार चर्चा में बना रहा !
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- 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनने के लिए पांच न्यायाधीशों संविधान पीठ का गठन किया !
- सुनवाई के आखिरी दिन एक आश्चर्यजनक घटना देखने को मिली जब प्राथमिक मुस्लिम पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह इस मामले में अपनी अपील और भूमि पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार है बस शर्तें की केंद्र यह गारंटी देने को तैयार होगी देश में सभी पूजा स्थलों पर इस तरीके से कहीं भी अतिक्रमण नहीं किया जाए !
- 9 नवंबर, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के विवादित मामले में अपना सर्वसम्मत फैसला सुनाया ! फैसले में विवादित भूमि एक ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई और मुस्लिम वादी सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया !
- 30 सितंबर, 2020: इस दिन सीबीआई की विशेषता अदालत ने 1992 के बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंसक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और संत उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को मामले से बरी कर दिया !
- डिटेल में यहाँ से पढ़े पूरा मामला !
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